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(कृष्णा वार्ता गदरपुर उत्तराखंड)

रुद्रपुर (संवाद सूत्र)। एसएलओ एवं एनएच काला के संयुक्त खाते से गबन हुई 13.51 करोड़ की मुआवजा राशि प्रकरण में अब पुलिस ने उन संदिग्ध अभियुक्तों के नामों का खुलासा कर दिया है जो पर्दे के पीछे रहकर फर्जी दस्तावेज व चेक बनाकर खातों में धनराशि को ट्रांसफर करवा रहे थे।

   इन नामों का खुलासा पुलिस कस्टडी रिमांड में लिए गए बैंक प्रबंधक व मुख्य अभियुक्त द्वारा पूछताछ में किया है। इसके बाद एक बार फिर पुलिस मुख्य अभियुक्त को कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। ताकि पुख्ता सबूत सामने आ सकें।

बताते चलें कि 2 सितंबर को समीक्षा बैठक में एसएलओ कौस्तुभ मिश्रा द्वारा रुद्रपुर स्थित इंडसइंड बैंक की शाखा के संयुक्त खाते से 13.51 करोड़ की मुआवजा राशि गबन का मामला पकड़ा था। प्रारंभिक तफ्तीश में फर्जी दस्तावेज व चेक लगाकर करोड़ों की धनराशि को बाहरी प्रदेशों के खाते में ट्रांसफर किए जाने की बात सामने आई तो तत्काल पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए सबसे पहले खातों में गई 7.50 करोड़ की धनराशि को फ्रिज कर दिया।

इसके बाद साक्ष्यों के आधार पर शाखा प्रबंधक देवेंद्र सिंह और सहायक प्रबंधक प्रियम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अगली तफ्तीश में यह साफ हो गया था कि ललित कुमार उर्फ महेंदु उर्फ लाली, चेयरमैन उर्फ रामकुमार व लाली की बहन मीनू बठला ही मुख्य किरदार व अभियुक्त है।

पुलिस ने लाली को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने पांच ऐसे संदिग्धों को चिह्नित किया था। जिनके द्वारा फर्जी दस्तावेज व फर्जी चेक बनाकर करोड़ों की धनराशि की हेराफेरी की थी। 8 अक्टूबर को पुलिस ने बैंक प्रबंधक देवेंद्र सिंह व मुख्य अभियुक्त लाली को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो उन संदिग्धों के नाम भी सामने आ गए। जिनके द्वारा पर्दे के पीछे रहकर सरकारी धनराशि को खातों में ट्रांसफर करवाया था।

पूछताछ में विनोद शर्मा निवासी सीकर, प्रवीण शर्मा कल्याण नगर जयपुर के अलावा मुंबई में खाता धारक के लिए काम करने वाले जीवराज माली उर्फ विशाल निवासी सिरोही राजस्थान,भरत कुमार मिश्रा निवासी झुनझुनु राजस्थान की तस्दीक हो चुकी है। नामों का खुलासा होने के बाद अब पुख्ता सबूत एकत्रित करने के लिए पुलिस एक बार फिर मुख्य अभियुक्त ललित कुमार उर्फ लाली को पुलिस कस्टडी रिमांड पर ले सकती है। कारण समय अवधि कम होने के कारण पुलिस गहनता से पूछताछ नहीं कर पाई थी।

68 अलग-अलग खातों में गई थी रकम

साइबर सेल की तफ्तीश में यह भी पता चला है कि 13.51 करोड़ की धनराशि चंडीगढ़, मुंबई और जयपुर के खातों में ट्रांसफर हुई थी। इन तीन मुख्य खातों से सात बार कई राज्यों एवं बैंकों में 68 बार खातों में भेजी गई गई। जिनकी रकम घटती चली जा रही थी और साइबर सेल ने तत्काल चौबीस घंटे के अंदर सभी खातों को फ्रीज कर 13.51 करोड़ की धनराशि को बचा लिया।

गुजरात स्थित बैंकों में हुई थी तफ्तीश

करोड़ों की मुआवजा राशि गबन प्रकरण के मुख्य अभियुक्त ललित कुमार उर्फ लाली पर गुजरात में धोखाधड़ी किए जाने के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिसकी भनक लगते ही पुलिस की एक टीम ने गुजरात जाकर पुलिस से संपर्क साधा और संबंधित बैंकों में जाकर अपनी तफ्तीश की। जिसके बाद साफ हो गया था कि लाली शातिर ठग है और उस पर कई मामले भी पंजीकृत हैं।

नामों का खुलासा होते ही दबिस तेज

2 सितंबर से 9 अक्टूबर की तफ्तीश के बाद अब पुलिस के सामने गबन प्रकरण के उन किरदारों को दबोचना है। जिन्होंने बेहद ही शातिर अंदाज में करोड़ों का सरकारी खजाना लूटने का षडयंत्र रचा। पुलिस ने सामने आए नामों के बाद संभावित ठिकानों पर दबिश देनी शुरू कर दी है। साथ ही तकनीकी साक्ष्य एवं वैज्ञानिक साक्ष्यों को भी एकत्रित करना शुरू कर दिया है। ताकि आरोपियों को लंबे समय तक सलाखों के पीछे रखा जा सके।

13.51 करोड़ गबन प्रकरण में पुलिस की विशेष टीम ने काफी हद तक सफलता प्राप्त कर ली है। ठोस रणनीति एवं साक्ष्यों के आधार पर अब पूछताछ में कुछ नाम सामने आए हैं। जिन्होंने पूरे प्रकरण में अहम रोल निभाया है। नामों का खुलासा होने के बाद अब पुलिस आरोपियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है। साथ ही पुलिस का मकसद रहेगा कि सरकारी धन हो या फिर धोखाधड़ी के प्रकरण के आरोपियों को गिरफ्तारी हो सके। इसके लिए नेटवर्क व पुलिस टीम को ज्यादा मजबूत किया गया है। गबन के किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा :- मणिकांत मिश्रा, एसएसपी, ऊधमसिंह नगर


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कृष्णा वार्ता, गदरपुर

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