उत्तरकाशी(संवाद-सूत्र)। सिलक्यारा टनल में फंसे 40 मजदूरों को लेकर भले ही पांच दिन से अधिक का समय बीतने जा रहा है। मजदूरों को टनल से बाहर निकालने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री और तमाम नौकरशाह लगे हुए हैं लेकिन रिजल्ट संतोषजनक नहीं है। इसे लेकर प्रदेश में अब राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस के नेता केंद्र व राज्य की एजेंसियों पर तालमेल की कमी का आरोप लगा रही है। मजदूरों की जान बचाने के लिए लगातार केंद्र और राज्य की एजेंसियां काम कर रही हैं। तो वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के निर्देश के बाद बनी कमेटी के द्वारा भी सिलक्यारा टनल का मौका मुआयना किया गया। समिति के अध्यक्ष मंत्री प्रसाद नैथानी ने बताया कि मौके पर तालमेल की खासी कमी दिखाई दे रही है। इसके साथ ही कार्यदाही संस्था भी मानकों को पूरा नहीं करती है। लेकिन उसके बावजूद भी उसे काम दिया गया जो बताता है कि राज्य की सरकार विकास कार्यों को लेकर कितनी गंभीर है। उन्होंने हादसे की वजह टनल की गुणवत्ता और उसके जियोलॉजिकल सर्वे की रिपोर्ट की पारदर्शिता पर लगाए हैं। उन्होंने राष्ट्रपति से टनल कि उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। आपको बता दें कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उत्तरकाशी हादसे की समीक्षा के लिए मंत्री प्रसाद नैथानी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने ग्राउंड जीरे पर जाकर हालातों का निरीक्षण किया। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्टð ने कहा कि मुख्यमंत्री लगातार उत्तरकाशी टनल मामले की समीक्षा कर रहे हैं। इसके साथ ही लगातार अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए जा रहे हैं। ताकि जल्द से जल्द टनल में फंसे मजदूरों को रेस्क्यू किया जा सके।