(कृष्णा वार्ता गदरपुर उत्तराखंड)
हल्द्वानी (संवाद-सूत्र)। आठ फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में मलिक के बगीचे में अवैध मदरसा और धर्मस्थल ढहाने गई पुलिस और प्रशासन की टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया था। पथराव में सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, रामनगर कोतवाल समेत 300 से अधिक पुलिसकर्मी और निगमकर्मी घायल हो गए। उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाना भी फूंक दिया। पुलिस की जीप, जेसीबी, दमकल की गाड़ी दोपहिया समेत 70 से अधिक वाहन फूंक दिए गए। आंसू गैस के गोले दागने और लाठी चार्ज के बाद भी जब हालात काबू में नहीं आए, तो सबसे पहले अधिकारी जान बचाने के लिए मौके से भागे। पुलिस व निगम टीम जैसे-तैसे वहां से निकली। प्रशासन ने उपद्रवियों को देखते ही पैर में गोली मारने के आदेश दिए हैं। पिता-पुत्र समेत छह लोगों की गोली लगने से मौत हो गई थी।
सरकारी जमीन हड़पने, मरे हुए व्यक्ति के नाम से शपथ पत्र देने, न्यायालय में मरे हुए व्यक्ति के नाम से रिट डालने के मामले में नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने कोतवाली में तहरीर सौंपी थी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने अब्दुल मलिक, उसकी पत्नी साफिया मलिक सहित छह लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, आईपीसी 417 और 120 बी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।
16 फरवरी को नैनीताल पुलिस ने अब्दुल मलिक समेत नौ लोगों के पोस्टर जारी किए थे। इस दौरान एसएसपी ने बताया कि फरार आरोपियों के पोस्टर हल्द्वानी समेत पूरे नैनीताल जिले और सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किए गए है।