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(कृष्णा वार्ता गदरपुर उत्तराखंड)

रुद्रपुर। राज्य स्तरीय विद्यालय जूडो प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आई बालक-बालिका खिलाड़ियों ने मनोज सरकार स्पोर्ट्स स्टेडियम की व्यवस्थाओं पर असंतोष जताया। खिलाड़ियों ने कहा कि बालिका हॉस्टल का निर्माण होना आवश्यक है, जिससे बाहर से आने वाली खिलाड़ियों को ठहरने में परेशानी न हो। प्रतियोगिता के समय उन्हें स्टेडियम के कक्ष में रुकना पड़ा, जहां मच्छरों की भरमार थी और सोने की कोई सही व्यवस्था नहीं थी। रातभर नींद पूरी न हो पाने से अगले दिन प्रदर्शन प्रभावित होता है। खिलाड़ियों ने बताया कि प्रतियोगिता में प्रयुक्त जूडो मैट की गुणवत्ता बेहद खराब है। अत्यधिक मुलायम मैट पर अभ्यास करते समय चोट लगने की संभावना बनी रहती है।

राज्य स्तरीय विद्यालयी जूडो प्रतियोगिता में शामिल खिलाड़ियों ने मनोज सरकार स्पोर्ट्स स्टेडियम की कई गंभीर समस्याओं को उजागर किया। खिलाड़ियों ने कहा कि सरकार की ओर से हर वर्ष खिलाड़ियों को जूडो ड्रेस दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि एक ड्रेस की कीमत सात से आठ हजार रुपये तक होती है, जिसे हर कोई खरीद नहीं सकता। उन्होंने कहा कि अगर सरकार यह सुविधा उपलब्ध कराए तो और अधिक खिलाड़ी इस खेल की ओर आकर्षित होंगे। खिलाड़ियों ने बताया कि खेल महाकुंभ के समय पहले उन्हें खाने और किराए के लिए 150 रुपये प्रतिदिन दिए जाते थे, जो अब कई खिलाड़ियों को वर्षों से नहीं मिले। इस कारण प्रतियोगिताओं के दौरान आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना में 18 हजार रुपये प्रतिवर्ष देने का प्रावधान है, लेकिन कई खिलाड़ियों को केवल 4500 रुपये ही मिले हैं और शेष राशि अब तक नहीं पहुंची। खिलाड़ियों ने इस राशि को समय पर देने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि स्कूल स्टेट व नेशनल प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए आने-जाने व ठहरने का खर्च भी खिलाड़ियों को खुद उठाना पड़ता है। खिलाड़ियों ने यह भी कहा कि प्रतियोगिताओं में चयन के दौरान निष्पक्षता बनी रहनी चाहिए। खिलाड़ियों का कहना है कि अगर इन समस्याओं का समाधान हो जाए तो जिले के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर सकते हैं। स्टेडियम में हो बालिका हॉस्टल का निर्माण : जूडो प्रतियोगिता में शामिल बालिका खिलाड़ियों ने मनोज सरकार स्पोर्ट्स स्टेडियम में बालिका हॉस्टल निर्माण की मांग उठाई। खिलाड़ियों ने कहा कि प्रतियोगिता के समय उन्हें रात में स्टेडियम के एक कक्ष में रुकना पड़ा, जहां मच्छरों की भरमार थी और ओढ़ने-बिछाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने कहा कि रातभर नींद पूरी न हो पाने से अगली सुबह प्रदर्शन पर असर पड़ा। खिलाड़ियों ने कहा कि यदि स्टेडियम परिसर में हॉस्टल बना दिया जाए तो उन्हें न केवल सुरक्षित आवास मिल सकेगा। साथ ही प्रतियोगिताओं में भाग लेने के दौरान ठहरने की परेशानी भी दूर होगी। खिलाड़ियों ने यह भी बताया कि बालिका खिलाड़ियों को कई बार प्रतियोगिता के कारण देर रात तक स्टेडियम में रहना पड़ता है। इससे उन्हें असुरक्षा का अनुभव होता है। अगर स्टेडियम में हॉस्टल बना दिया जाए तो इस समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर कई शहरों में हॉस्टल सुविधाएं हैं, जहां खिलाड़ियों को रहने व प्रशिक्षण दोनों की व्यवस्था रहती है। मनोज सरकार स्टेडियम में भी ऐसा निर्माण होने से स्थानीय बालिका खिलाड़ियों को बड़ा लाभ मिल सकता है। खिलाड़ियों ने शासन व खेल विभाग की ओर से इस विषय में शीघ्र कदम उठाने की मांग की है। जूडो ड्रेस की सरकारी सुविधा की रखी मांग : खिलाड़ियों ने सरकार की ओर से हर वर्ष जूडो की ड्रेस उपलब्ध कराने की मांग रखी है। खिलाड़ियों ने कहा कि एक ड्रेस की कीमत सात से आठ हजार रुपये तक होती है जो गरीब वर्ग के खिलाड़ियों के लिए भारी खर्च है। उन्होंने बताया कि कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी आर्थिक कठिनाई के कारण प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाते। खिलाड़ियों ने कहा कि अगर सरकार की ओर से साल में एक बार ड्रेस दी जाए तो खिलाड़ियों का आर्थिक बोझ कम होगा और अधिक युवा खेलों से जुड़ सकेंगे। खिलाड़ियों ने यह भी कहा कि अन्य खेलों में उपकरण और यूनिफॉर्म की सुविधा समय-समय पर दी जाती है, जबकि जूडो खिलाड़ियों को यह सुविधा नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि जूडो एक ऐसा खेल है, जिसमें यूनिफॉर्म का महत्व बहुत अधिक है। ऐसे में इसी से खिलाड़ी का अभ्यास और मुकाबला दोनों संभव होते हैं। खिलाड़ियों ने यह भी कहा कि गरीब परिवारों से आने वाले बच्चों के लिए यह खेल महंगा साबित हो रहा है। अगर सरकार खिलाड़ियों की इस मांग को पूरा कर दे तो जिले से राष्ट्रीय स्तर पर अधिक खिलाड़ी उभर सकते हैं। जूडो मैट की गुणवत्ता को लेकर जताई नाराजगी : जूडो खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता के दौरान उपयोग में लाए जा रहे मैट की गुणवत्ता को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इस बार लगाए गए मैट अत्यधिक मुलायम हैं। इससे अभ्यास करते समय चोट लगने की संभावना बनी रहती है। खिलाड़ियों ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में उच्च गुणवत्ता के मैट का प्रयोग किया जाता है, जिससे सुरक्षा बनी रहती है। लेकिन इस प्रतियोगिता में इस्तेमाल हो रहे मैट न तो मानक के अनुरूप हैं और न ही पर्याप्त रूप से सख्त हैं। खिलाड़ियों ने कहा कि जब कोई खिलाड़ी जूडो में गिरता है तो मैट की गुणवत्ता उसके शरीर पर सीधा प्रभाव डालती है। मुलायम मैट से पैर और कंधे में चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है। खिलाड़ियों ने सुझाव दिया कि खेल विभाग को प्रत्येक प्रतियोगिता से पहले उपकरणों की गुणवत्ता जांचनी चाहिए और मानक के अनुरूप मैट का प्रयोग सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर मैट की गुणवत्ता सही हो तो खिलाड़ी बिना चोट के बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना में हो पारदर्शिता : जूडो खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना के तहत मिलने वाली राशि को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि योजना के अनुसार खिलाड़ियों को एक वर्ष में 18 हजार रुपये मिलने थे, लेकिन अधिकांश खिलाड़ियों को केवल 4500 रुपये ही खाते में प्राप्त हुए हैं। शेष राशि अब तक नहीं मिली। इससे खिलाड़ियों में नाराजगी है। खिलाड़ियों ने कहा कि सरकार की ओर से योजना का लाभ वास्तविक पात्र खिलाड़ियों तक पहुंचे औ्वि रतरण प्रक्रिया पारदर्शी रखी जाए। खिलाड़ियों ने यह भी कहा कि यात्रा व ठहरने का खर्च भी समय पर दिया जाए। उन्होंने कहा कि अगर योजना का लाभ सही रूप में दिया जाए तो जिले से और अधिक खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। खिलाड़ियों ने उम्मीद जताई कि खेल विभाग उनकी समस्याओं पर गंभीरता से विचार करेगा। खिलाड़ियों ने मांगा भोजन और किराया भत्ता : खिलाड़ियों ने भोजन और किराए के भत्ते की देरी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि खेल महाकुंभ के समय पहले खिलाड़ियों को 150 रुपये प्रतिदिन का भुगतान दिया जाता था, जो अब कई खिलाड़ियों को वर्षों से नहीं मिला है। खिलाड़ियों ने बताया कि जब प्रतियोगिता कई दिनों तक चलती है तो बाहर से आने वाले खिलाड़ियों को भोजन और ठहरने की बड़ी समस्या होती है। कई बार उन्हें अपने खर्च पर रहना पड़ता है, जिससे आर्थिक दबाव बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से तय राशि समय पर दी जाए और भुगतान की प्रक्रिया पारदर्शी रखी जाए। सुझाव दिया कि प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों को पहले दिन ही भत्ता दे दिया जाए। उन्होंने कहा कि भोजन और ठहरने की असुविधा खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर भी असर डालती है। खिलाड़ियों ने यह भी कहा कि अगर भत्ते की राशि बढ़ा दी जाए तो अधिक खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित होंगे। शिकायतें 1. बालिका खिलाड़ियों ने बताया उन्हें स्टेडियम के कमरे में रुकना पड़ा। जहां मच्छरों व व्यवस्था की कमी के कारण सोना मुश्किल हो गया। 2. खिलाड़ियों ने कहा कि वर्तमान में लगाए गए मैट अत्यधिक मुलायम हैं, जिसससे गिरने पर चोट लगने की संभावना रहती है। 3. जूडो ड्रेस की कीमत सात से आठ हजार रुपये तक होती है और आर्थिक रूप से कमजोर खिलाड़ी इसे खरीद नहीं पाते। 4. खिलाड़ियों ने बताया कि उन्हें पिछले कई वर्षों से यह भत्ता नहीं मिला और प्रतियोगिता के दौरान उन्हें अपना खर्च स्वयं वहन करना पड़ता है। 5. खिलाड़ियों ने कहा इस योजना के तहत उन्हें वर्ष में 18 हजार रुपये मिलने थे, लेकिन अब तक केवल 4500 रुपये ही मिले हैं और बाकी राशि जारी नहीं हुई। सुझाव 1. मनोज सरकार स्पोर्ट्स स्टेडियम में बालिका खिलाड़ियों के लिए एक अलग हॉस्टल बनाया जाए। इससे उन्हें परेशानी नहीं होगी। 2. जूडो प्रतियोगिता में उच्च गुणवत्ता के मैट का प्रयोग किया जाए, जिससे अभ्यास या मुकाबले के दौरान खिलाड़ी को चोट न लगे। 3. सरकार की ओर से प्रत्येक वर्ष जूडो खिलाड़ियों को एक ड्रेस दी जाए, जिससे आर्थिक कमजोर खिलाड़ियों को राहत मिल सके। 4. खेल विभाग की ओर से खिलाड़ियों को भोजन व ठहरने के लिए मिलने वाला 150 रुपये प्रतिदिन भत्ता समय पर दिया जाए और उसकी राशि बढ़ाई जाए। 5. मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना के तहत मिलने वाली राशि पूरी व समय पर खिलाड़ियों के खाते में भेजी जाए और वितरण प्रक्रिया पारदर्शी रखी जाए। साझा किया दर्द खेल के दौरान अगर सभी व्यवस्थाएं सही रहें तो खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकता है। छोटी-छोटी दिक्कतें भी मनोबल पर असर डालती हैं, इसलिए प्रतियोगिता से पहले सभी सुविधाओं का ध्यान रखना आवश्यक है। -आरती हमें उम्मीद है कि खेल विभाग खिलाड़ियों की मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान देगा और हर प्रतियोगिता में समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करेगा, जिससे खिलाड़ी को असुविधा न हो और वह बेहतर प्रदर्शन कर सके। -मोहम्मद मोशिन अगर प्रशिक्षण के समय उपकरणों की गुणवत्ता अच्छी नहीं हुई, तो चोट का खतरा बढ़ जाता है। उपकरणों की गुणवत्ता अच्छी होने पर खिलाड़ियों के चोटिल होने का खतरा कम रहता है और वह आत्मविश्वास के साथ खेल में अपना प्रदर्शन दे सकता है। -जय शर्मा खेल को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि खिलाड़ियों को समय पर प्रोत्साहन और आर्थिक सहायता मिले। इससे वह बिना रुकावट प्रशिक्षण जारी रखकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक हासिल कर सकते हैं। -अनिल कुमार प्रतियोगिता में निष्पक्षता बनी रहना बहुत जरूरी है। ऐसे में खिलाड़ियों की मेहनत का सही मूल्यांकन तभी संभव है जब चयन प्रक्रिया पारदर्शी रखी जाए। इससे खिलाड़ियों का देश के लिए खेलने का सपना भी पूरा हो सकेगा। -सौरभ खिलाड़ियों को अच्छा खाना तो मिलना ही चाहिए। हमें यह महसूस होता है कि अगर हर खिलाड़ी को ठहरने और खाने की व्यवस्था बेहतर मिले तो यह उनके प्रदर्शन को स्वाभाविक रूप से और मजबूत करता है। -शिवम खिलाड़ियों को अभ्यास के दौरान जिन उपकरणों की आवश्यकता होती है, उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित की जानी चाहिए। ऐसे में सही उपकरण से खेल का स्तर और बेहतर होता है और खिलाड़ी का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। -सरमन अगर सरकार खिलाड़ियों की सुविधाओं पर थोड़ा और ध्यान दे, तो स्थानीय स्तर से अधिक प्रतिभाएं उभरकर सामने आ सकती हैं। वह खेल विभाग से खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा देने की मांग करते हैं। -भारती प्रशिक्षण के समय नियमित निरीक्षण होना चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि मैदान, मैट, अन्य साधन सुरक्षित और मानक के अनुरूप हैं। किसी भी प्रकार की कमी पाए जाने पर तो उसे तुरंत ठीक किया जाना चाहिए। -पवनी हमें विश्वास है कि खिलाड़ियों की बातों को गंभीरता से सुना जाएगा और जो कमियां सामने आई हैं, उनमें सुधार किया जाएगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में ऐसी समस्याएं दोबारा उत्पन्न न हों। -काजल प्रतियोगिताओं में अगर खिलाड़ियों को सभी आवश्यक साधन उपलब्ध हों तो वह आत्मविश्वास के साथ खेल में अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकते हैं। सुविधाएं और संसाधन मिलने पर खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतर होता है। -निशा खिलाड़ियों के लिए समय पर आर्थिक सहायता बहुत आवश्यक है। ऐसे में कई बार खर्च अधिक हो जाता है। आर्थिक सहयोग और प्रोत्साहन मिल सके तो खिलाड़ी बिना चिंता के अपनी तैयारी पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। -बृजेश बोलीं जिला क्रीड़ा अधिकारी वर्तमान में बालकों का छात्रावास स्टेडियम में बना हुआ है। आगे बालिका खिलाड़ियों के लिए भी छात्रावास बनाया जाएगा। इससे उन्हें यहां ठहरने की उचित सुविधा मिलेगी। यह प्रतियोगिता खेल विभाग की ओर से आयोजित नहीं हुई है। खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं की व्यवस्था का जिम्मा आयोजन का है। – जानकी कार्की, जिला क्रीड़ा अधिकारी बोले जिला युवा कल्याण अधिकारी राज्य विद्यालय जूडो प्रतियोगिता युवा कल्याण विभाग की ओर से आयोजित नहीं की जा रही है। यह प्रतियोगिता विद्यालयों के स्तर पर आयोजित की जा रही है। इसलिए व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी वहीं की है। खिलाड़ियों को जो सुविधाएं दी जा रही हैं, वही सामान्य सुविधाएं हैं । उन्हें गड्ढे और बिछाने के लिए चादर दी जाती है, लेकिन ओढ़ने के लिए चादर नहीं दी जाती -भूपेंद्र सिंह रावत, जिला युवा कल्याण अधिकारी


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कृष्णा वार्ता, गदरपुर

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