
(कृष्णा वार्ता गदरपुर उत्तराखंड)
गूलरभोज। होली के दिन बौर नदी में डूबे किशोर का शव तीसरे दिन बचाव राहत दल ने बरामद किया। शुक्रवार को बेरिया के समीप बांसखेड़ा गांव की मजदूर सुनीता देवी का बेटा पुष्पेंद्र सैनी (14) अपने साथियों यशपाल और अजय के साथ होली खेलने के बाद बौर जलाशय के स्पिलवे से निकली नदी में नहाने गया था। डुबकी लगाने के बाद वह पानी से बाहर नहीं आया। रविवार को 31वीं बटालियन की ई-कंपनी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की संयुक्त टीम ने बड़ी मशक्कत के बाद उसका शव बरामद कर लिया।
पुष्पेंद्र के पिता का दो साल पहले निधन हो गया है। मां सुनीता मजदूरी कर वह घर का खर्च उठा रही है। तीन संतानों में बड़ी बेटी नेहा (18 वर्ष) दिव्यांग है। मृतक पुष्पेंद्र दूसरे नंबर का था। वह सातवीं में पढ़ाई साथ ही सैलून पर काम भी सीख रहा था। छोटा बेटा गौतम आठ साल का है। मां सुनीता का रो-रोकर बुरा हाल है।
जान बचाने के लिए जान गंवा बैठा पुष्पेंद्र
31वीं बटालियन की ई-कंपनी के अनिल कुमार ने बताया कि पुष्पेंद्र ने जान बचाने को नदी की तलहटी की झाड़ को पकड़ लिया था। इससे उसका शव नदी की तलहटी में बैठ गया। उसके हाथ में नदी की झाड़ियां थीं। लगातार मोटर बोर्ड की चलने से बनीं लहरों से झाड़ी उखड़ी, जिससे शव ऊपर आने में मदद मिली। संभावना यही है कि जान बचाने के चक्कर में वह जान गवां बैठा।
ग्रामीणों ने किया पोस्टमार्टम कराने का विरोध
पुष्पेंद्र का शव बरामद होने पर चौकी प्रभारी विजेंद्र कुमार जैसे ही पंचनामा भरने लगे तो ग्रामीणों ने विरोध किया। लोगों का कहना था कि वह पोस्टमार्टम नहीं करना चाहते। चौकी प्रभारी के काफी देर समझाने के बाद वह लोग राजी हुए।