

(संपादक सुरेंद्र चावला उर्फ राजू 9917322413)
गदरपुर( संवाद सूत्र) तत्कालीन अंग्रेज सरकार द्वारा 1922 में 22 अक्टूबर के दिन वर्तमान पाकिस्तान के हसन अब्दाल क्षेत्र में गुरुद्वारा श्री पंजा साहब के पास शहीद किए गए सिंघों की याद में आयोजित गुरमत समागम में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। ग्राम सरकड़ी में आयोजित गुरमत समागम में धर्म प्रचार कमेटी श्री अमृतसर के काशीपुर क्षेत्र के प्रचारक भाई हरजिंदर सिंह ने कहा कि अंग्रेजी सरकार द्वारा कैद किए गए सैकड़ो सिख एवं अन्य देश भक्तों को रेलगाड़ी द्वारा अटक क्षेत्र ले जाया जा रहा था श्री पंजा साहिब जो कि श्री गुरु नानक देव जी से संबंधित गुरुद्वारा है जहां पर वली कंधारी का घमंड तोड़ा गया था जहा वली कंधारी द्वारा गुरु नानक देव जी को मारने के लिए बड़ी शिला फेंकी गई थी उस पर पंजे का निशान लगा है, और गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब शुभायमान है, की संगत को जब पता चला कि देशभक्त कैदी सिंह तीन-चार दिन से भूखे प्यासे हैं तो उन्होंने अरदास करके उन देशभक्तों को लंगर छकाने के लिए रेलवे स्टेशन मास्टर से रेल गाड़ी रोकने का निवेदन किया पर उसने रेलगाड़ी रोकने से इनकार कर दिया, जबकि संगत द्वारा लंगर तैयार करके अरदास करके स्टेशन के पास रख दिया और सतनाम वाहेगुरु का जाप करते हुए रेल पटरी पर बैठ गए। हसन अब्दाल रेलवे स्टेशन पहुंचने पर एक धमाके के साथ रेलगाड़ी रुक गई। दो सिंघों भाई करम सिंह और भाई
प्रताप सिंह रेल इंजन में लिपट कर शहीद हो गए, जघायल अवस्था में उनको निकाले जाने का संगत द्वारा प्रयास किया गया तो उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि सबसे पहले देशभक्तों को लंगर छकाया जाए काफी समय रेलगाड़ी रुकी रही और सबको भरपूर भोजन कराकर बोले सो निहाल सत श्री अकाल के जयकारे लगाए गए। शहीद सिंघों की याद में साका पंजा साहब के नाम से इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में इस घटना का वर्णन किया गया है। इस अवसर पर रागी भाई कुलदीप सिंह द्वारा गुरबाणी का कीर्तन करके संगत को निहाल किया गया। वहीं सिख मिशनरी कॉलेज लुधियाना की गदरपुर इकाई के प्रचारक देवेंद्र सिंह द्वारा गुरबाणी की कथा करते हुए मूल मंत्र की व्याख्या की तथा कहा कि एक ही मार्ग नाम स्मरण है जो कि परमात्मा से मिलन के लिए है। उन्होंने 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री की हत्या के उपरांत सिख परिवारों के हुए नरसंहार पर भी चर्चा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और रोष प्रकट करते हुए कहा कि 40 साल बीतने के बावजूद उन दोषियों को आज तक ना पिछली सरकार ने ना वर्तमान सरकार ने सजा देने का प्रयास किया न्यायपालिका द्वारा भी उसे कत्ले आम के शहीदों को आज तक न्याय नहीं मिला। कार्यक्रम के अंत में गदरपुर विधायक अरविंद पांडे द्वारा गुरु नानक देव जयंती की शुभकामनाएं देने के साथ सभी संगत के उज्जवल भविष्य की कामना की। इस मौके अर्जुन सिंह, जसवीर सिंह, परमजीत सिंह, सुरेंद्र सिंह, डॉ मनोहर सिंह, बलबीर सिंह, नरेश सिंह, जसवंत सिंह, दिल जोगेंद्र सिंह, अमृतपाल सिंह, अजीत सिंह, मनविंदर कौर पांडे, बलवंत कौर, हरबंस कौर, कमलेश कौर सहित तमाम संगत मौजूद रही।
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कृष्णा वार्ता, गदरपुर