

जिला सत्र न्यायाधीश पिथौरागढ़ की कोर्ट में पति की हत्या के मामले में पत्नी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाया है.
साथ ही न्यायालय ने दोषसिद्ध महिला पर 70,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है.
जिला सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने दोषसिद्ध करते हुए सुनीता देवी को आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
बताया जा रहा है कि 12 फरवरी 2022 को पिथौरागढ़ तहसील क्षेत्र के दिगांस गांव निवासी सुनीता देवी ने अपने पति जितेंद्र राम के साथ मारपीट करने के बाद नाजुक अंग को काटकर हत्या कर दी थी.मृतक के भाई पूरन राम की तहरीर पर राजस्व पुलिस में सुनीता देवी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत मुकदमा दर्ज किया मामले की विवेचना में पता चला.
पुलिस के जांच पड़ताल में पता चला कि सुनीता का किसी युवक से दोस्ती थी जिसको लेकर पति नाराज था. इसका विरोध करने पर उसने पति की हत्या कर दी थी. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाह परीक्षित कराए गए जहाँ दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने दोषसिद्ध करते हुए सुनीता देवी को आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 70 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.

