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(कृष्णा वार्ता गदरपुर उत्तराखंड)

रुद्रपुर। कल्याणी नदी को फिर से स्वच्छ और धारा प्रवाह बनाने की कवायद शुरू हो गई है। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया की अध्यक्षता में बुधवार को जिला सभागार में आयोजित बैठक में इस दिशा में ठोस कार्ययोजना तैयार की गई। बैठक में जानकारी दी गई कि कल्याणी नदी में अवैध अतिक्रमणों के कारण जल प्रवाह बाधित हो गया है और नदी का स्वरूप नाले जैसा बन गया है। वर्षा ऋतु में जलभराव और बाढ़ की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। अधिकारियों ने बताया कि अब तक नदी में 1028 अतिक्रमण चिन्हित किए गए हैं। इनमें से 550 को नोटिस जारी कर दिए गए हैं, जबकि शेष 478 को नोटिस भेजने की प्रक्रिया जारी है।

    जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि 18 जून तक सभी अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर दिए जाएं और 5 जुलाई तक स्वयं अतिक्रमण हटाने का अवसर दिया जाए। अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय ने बताया कि नदी में गिरने वाले नालों के अपशिष्ट जल के उपचार के लिए एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) स्थापित किया जाएगा। एसटीपी के लिए नजूल भूमि को चिह्नित किया गया है और नगर निगम से एनओसी भी प्राप्त कर ली गई है। नदी में अटरिया पुल से दक्षिण की ओर लगभग पांच किलोमीटर क्षेत्र में अतिक्रमण चिह्नित हैं। इस क्षेत्र में गिरने वाले नालों को टैप कर लाइन बिछाई जाएगी और उन्हें एसटीपी तक ले जाया जाएगा ताकि गंदा पानी सीधे नदी में न गिरे।

    इस दौरान नगर आयुक्त नरेश चंद्र दुर्गापाल, एसडीएम मनीष बिष्ट, ओसी गौरव पांडेय, उप नगर आयुक्त शिप्रा जोशी, अधिशासी अभियंता पेयजल निगम सुनील जोशी, सिंचाई विभाग के बीएस डांगी और क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी एसपी सिंह आदि मौजूद रहे।


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कृष्णा वार्ता, गदरपुर

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