(रिपोर्ट:- सागर धमीजा 98378-77981)
(कृष्णा वार्ता गदरपुर उत्तराखंड)
गदरपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ परिवार ने अपने प्रमुख त्यौहारों में मकर सक्रांति का त्यौहार नगर स्थित सरस्वती शिशु मन्दिर मे धूमधाम से मनाया। स्वयं सेवक कार्यकर्ता एकत्रित होकर सर्व प्रथम ध्वज लगाकर अमृत वचन सुभाषित व गीत गाए। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को मकर सक्राति पर्व की शुभकामनायें दी।
इस दौरान नगर संचालक दीपक सुधा ने कहा कि मकर सक्रांति पर्व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ परिवार द्वारा मनाये जाने वाले छः त्यौहारों में से एक हैै, जिसे कार्यकर्ताओं द्वारा मनाया जाता हैै। उन्होंने खिचड़ी का उदाहरण देते हुये बताया कि जिस प्रकार खिचड़ी बनाने के दौरान उसमें डाले जाने वाले व्यजनों को खिचड़ी बन जाने के पश्चात उसे उसमें से बाहर नही निकाला जा सकता हैं, चाहे वों नमक, दाल व उन्य व्यंजन हो, उसी प्रकार जब संघ के कार्यकर्ता एकजुट होकर रहेगे तो उन्हें कोई भी अलग नही कर सकता हैै। बताया कि इसी दिन सूर्य के पुत्र शनि और सूर्य एक साथ मिलते हैं व इसी दिन भागीरथी ने गंगा को धरती पर लाया था। इसलिए आज का दिन गंगा स्नान के महत्व का दिन है। यह पर्व भाईचारा और सौहाद्र का पर्व है।
वही अशोक मौर्य ने कहा कि सूर्य के उतरायण तथा बिखरे हुए तिल को जिस प्रकार मधुरता स्नेही रूपी गुड़ से बांधकर तिल से लड्डू बनाया जाता है उसी प्रकार हम सभी हिन्दुओं को संगठित होना चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक के अनुसार क्रांति व परिवर्तन के लिए चार बातों की आवश्यकता होती है। सर्वप्रथम एक विचार जो शाश्वत सिद्धांतों पर आधारित हो। दूसरा चरण है योजना, उसके बाद योजना पूर्ति के लिए संगठन एवं लक्ष्य प्राप्ति। कहा कि हमें संघ में कभी भी एक दूसरे की जात पात को लेकर किसी भी प्रकार के मतभेद को पैदा नही होने देन है। उन्होंने कि बताया कि उत्तरायण से ही रात छोटी होने लगती है और दिन बड़े होने लगते हैं।
वही कार्यक्रम के अन्त में खिचडी का प्रसाद वितरित किया गया।
इस अवसर पर पंकज सेतिया, रविन्द्र बजाज, सुबोध शर्मा, जीवन जोशी, दर्शन नेगी, राकेश भुड्डी, धीरज पन्त, सोनू पोपली, विनोद चुघ, राम प्रसाद ध्यानी, योगेन्द्र शर्मा, चंकित हुड़िया, अजय, अर्पण सक्सेना, अमन कामरा, केशव, नन्दकिशोर, अरुण कुमार, अजय बठला, देवेन्द्र सिंह सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।