(कृष्णा वार्ता गदरपुर उत्तराखण्ड)
देहरादून (संवाद-सूत्र)। देहरादून में संस्कृति विभाग की ओर से बन्नू स्कूल में आयोजित ‘राम-राग’ कार्यक्रम में कैलाश खेर और कन्हैया मित्तल के गानों ने समा बांध दिया। कन्हैया मित्तल ने ‘जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे३’ से कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने ‘उत्तराखंड के भाग जाग जाएंगे, राम आएंगे३’ गाया तो पूरा पंडाल भक्ति में डूब गया। यहां देर रात तक दूनवासी भक्ति के रंग में रंगे रहे। श्री राम और खाटू श्याम के जयकारों से दून गूंजता रहा।
कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्रिटनेंट जनरल यसेनिद्ध गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने कैलाश खेर और कन्हैया मित्तल को श्रीरामचरितमानस की प्रति भेंट की। राम-राग में कन्हैया मित्तल ने एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी। उनके बाद कैलाश खेर ने ‘जाना जोगी’ भजन सुनाकर अपनी शुरुआत की। इसके साथ ही उन्होंने ‘मैं तो तेरे प्यार में दीवाना हो गया’, ‘राम ही पार लगावेंगे’, ‘क्या कभी अंबर से’ आदि भजनों की प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि पहले सत्ता होशियारों के हाथ में थी तो देश का क्या बना दिया लेकिन अब प्यारों के हाथ में है तो सब आपके सामने है। कैलाश खेर ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकाल पूरे विश्व में कीर्तिमान स्थापित किया है। कन्हैया मित्तल ने कहा कि पहले ऐसे भी मुख्यमंत्री थे जिन्होंने कारसेवकों पर गोली चलवाई। लेकिन, अब ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो खुद रामसेवक हैं। कन्हैया मित्तल के भजनों के बीच दून का वातावरण पूरा भक्तिमय हो गया। चारों ओर दूनवासी भजनों पर झूमते दिखे ओर भगवा झंडे लहराते दिखे। जय श्री राम के उद्घोष के बीच कन्हैया मित्तल भी बीच में रुके। इसे देख भजन गायक कन्हैया मित्तल बोले कि आज देहरादून भी अयोध्या से कम नहीं है। भजन गायक कन्हैया मित्तल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य नहीं एक धाम है। उत्तराखंड से पहली बार स्पेशल खाटू श्याम के लिए बस चलाई गई।