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(रिपोर्ट – सागर धमीजा 9837877981)

(कृष्णा वार्ता गदरपुर उत्तराखंड)

गदरपुर। सोमवार को ईद-उल-अजहा के अवसर पर नगर के साथ साथ गांव की विभिन्न मस्जिदों में नमाज अदा की गयी। ईदगाहों में नमाज अदा करने का क्रम सुबह आठ बजे से ही शुरू हो गया। जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम धर्माबलम्बियों ने नजदीकी मस्जिदों में पहुंचकर नमाज अदा की एवं शांति और सुख-समृद्धि के लिए भी दुआएं भी मांगी। जिसके बाद एक-दूसरे को गले लगाकर जश्न की बधाई दी। ईद-उल-अजहा मुस्लमानों का सबसे बड़ा त्योहार होता है। 

   ईद का ये त्योहार कुर्बानी का त्योहार है। जो खुशी और शांति का अवसर है। इस दिन सभी लोग ईदगाह में नमाज अदा करने के लिए इकट्ठे होते हैं। परस्पर एक-दूसरे से मिलकर आपसी संबंधों को मजबूत करते हैं। त्योहार में लोग अपने परिवारों के साथ जश्न मनाते हैं। पुराने गिले-शिकवे को भुलाकर जिंदगी में आगे बढ़ते हैं।

   बताया जाता है कि पैगंबर हजरत इब्राहिम से ही कुर्बानी देने की प्रथा शुरू हुई थी। अल्लाह ने एक बार पैगंबर इब्राहिम से कहा था कि वह अपने प्यार और विश्वास को साबित करने के लिए सबसे प्यारी चीज का त्याग करें और इसलिए पैगंबर इब्राहिम ने अपने इकलौते बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया था।

   कहा जाता है कि जब पैगंबर इब्राहिम अपने बेटे को मारने वाले थे। उसी वक्त अल्लाह ने अपने दूत को भेजकर बेटे को एक बकरे से बदल दिया था। तभी से बकरा ईद अल्लाह में पैगंबर इब्राहिम के विश्वास को याद करने के लिए मनाई जाती है।

   इस मौके पर मोहम्मद आलम, राशिद, सलीम, रफी, अहमद अली, इरफान अली, अयान, सावेज, नाजिम, नजाकत अली, आमिर, शानू, उस्मान, इम्ने हसन, असीम, आसिफ, शरीक अहमद सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।


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रिपोर्टर -सागर धमीजा - 9837877981
कृष्णा वार्ता, गदरपुर

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