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(कृष्णा वार्ता गदरपुर उत्तराखंड)

ड्रिल में सिविल डिफेंस वार्डन्स, वॉलंटियर्स, होम गार्ड्स, एनसीसी, एनएसएस के लोगों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा स्कूल और कॉलेजों के छात्र भी इसमें हिस्सा लेंगे। इसके अलावा नोटिफिकेशन में कहा गया है कि आम नागरिकों को भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। आम नागरिकों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।

देश भर में 244 स्थानों पर भारत सरकार ने मॉक ड्रिल का ऐलान किया है। 7 मई को देश के 244 स्थानों पर यह मॉक ड्रिल होनी है, जिसमें लोगों को यह बताया जाएगा कि किसी हमले या विपरीत स्थिति में कैसे खुद को बचाया जाए। केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरीज को जारी निर्देशों में पाकिस्तान का जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद इसका आयोजन अहम है। 1971 के बाद पहली बार देश में इस तरह मॉक ड्रिल हो रही है। इस दौरान सायरन बजाए जाएंगे, कुछ देर के लिए ब्लैकआउट होगा और लोगों को निकालने का अभ्यास किया जाएगा। आइए जानते हैं, इस ड्रिल में क्या-क्या होगा…

किन लोगों को ड्रिल में किया जाएगा शामिल

इस मॉक ड्रिल को होम मिनिस्ट्री के आदेश पर सभी राज्यों में किया जा रहा है। देश के उन 244 जिलों में यह ड्रिल होगी, जहां सिविल डिफेंस विभाग ऐक्टिव है। यह एक्सरसाइज गांव लेवल पर भी होनी है। आदेश में कहा गया है कि ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि परखा जा सके कि किसी भी आपदा या संकट की स्थिति में नागरिकों के स्तर पर कितनी तैयारी है। इस ड्रिल में सिविल डिफेंस वार्डन्स, वॉलंटियर्स, होम गार्ड्स, एनसीसी, एनएसएस के लोगों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा स्कूल और कॉलेजों के छात्र भी इसमें हिस्सा लेंगे। इसके अलावा नोटिफिकेशन में कहा गया है कि आम नागरिकों को भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। इसका मतलब है कि आम नागरिकों को भी कुछ हद तक इसमें शामिल किया जा सकता है।

मॉक ड्रिल का क्या है मकसद

होम मिनिस्ट्री ने सिक्योरिटी ड्रिल के 9 उद्देश्य बताए हैं। इसका पहला उद्देश्य यह है कि देश में एयर रेड वॉर्निंग सिस्टम की स्थिति का आकलन हो सके। इसके अलावा यह भी देखने की कोशिश होगी कि हवाई हमले की स्थिति में लोगों की क्या तैयारी है। इस ड्रिल के दौरान एयरफोर्स के साथ हॉटलाइन और रेडियो कॉम्युनिकेशन को भी चेक किया जाएगा। इसके अलावा कंट्रोल रूम और शैडो कंट्रोल रूम का भी आकलन किया जाएगा। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हम चाहते हैं कि आम नागरिकों और छात्रों की यह तैयारी रहे कि किसी भी आपदा की स्थिति में वे अपना बचाव कर सकें। ट्रेनिंग के दौरान ब्लैकआउट के दौरान कैसे बचाव किया जाएगा, उस पर भी तैयारी होगी। ब्लैकआउट की ड्रिल के दौरान लोग अपने घरों की लाइट्स को कुछ देर के लिए बंद कर देंगे। यही नहीं मॉक ड्रिल के दौरान एयरफील्ड्स, रिफाइनरीज एवं रेल यार्ड्स की सुरक्षा की भी ड्रिल की जाएगी।

किन 244 जिलों में है मॉक ड्रिल का प्लान

देश के जिन 244 जिलों में मॉक ड्रिल की तैयारी है, उनमें अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर शामिल हैं। इसके अलावा गुजरात के अहमदाबाद, जामनगर, गांधीनगर, भावनगर, कांडला, अंकेलेश्वर, ओका शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग, बडगाम, बारामूला, डोडा, जम्मू, कारगिल,कठुआ, कुपवाड़ा, लेह, पुंछ, राजौरी, श्रीनगर, उधमपुर, सांबा, उरी, नौशेरा, सुंदरबनी और अवंतिपुर और अखनूर शामिल हैं। राजधानी दिल्ली में भी कई स्थानों पर यह मॉक ड्रिल होगी। उत्तर प्रदेश के तो सभी जिलों को इसमें शामिल किया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि मॉक ड्रिल अभ्यास का आयोजन शहर से लेकर गांव स्तर तक करने की योजना बनाई गई है। इस अभ्यास का उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में नागरिक सुरक्षा तंत्र की तैयारी का आकलन करना और उसे बढ़ाना है।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच उभर रहे ‘नये और जटिल खतरों’ के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से 7 मई को ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित करने को कहा है। सभी राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए परिपत्र में कहा गया है कि ‘मॉक ड्रिल’ के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाना, नागरिकों को ‘किसी भी हमले’ की सूरत में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना और बंकरों एवं खाइयों की साफ-सफाई शामिल है।

अन्य उपायों में दुर्घटना की स्थिति में ‘ब्लैकआउट’ के उपाय, महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की रक्षा तथा निकासी योजनाओं को अद्यतन करना एवं उनका पूर्वाभ्यास करना शामिल है। अब केंद्र सरकार ने एक ट्यूटोरियल वीडियो जारी कर आमजनों को बताया है कि संकट की घड़ी में क्या करना है और क्या नहीं करना है, इसकी मॉक ड्रिल कैसे की जानी है। इस बीच, भारतीय वायुसेना बुधवार से पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सीमा पर दो दिवसीय सैन्य अभ्यास करेगी, वायुसेना के कर्मियों को इस बावत नोटिस जारी किया गया है।

सायरन बजते हो जाएं सतर्क, तेजी से उठाएं बचाव के कदम

वायु सेना के इसी अभ्यास के बीच देशभर में मॉक ड्रिल भी होनी है। केंद्र सरकार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी किए गए वीडियो में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के खातिर सभी लोगों को ये सुरक्षा उपाय करने की सलाह दी जाती है। उसमें कहा गया है कि सुरक्षा सीमा पर से शुरू नहीं होती हल्कि यह आपसे शुरू होती है। वीडियो में बताया गया है कि जब भी खतरे का सायरन बजे तो सतर्क हो जाएं और तेजी से सुरक्षात्मक कदम उठाएं।

खतरे के समय में क्या करें?

बताया कि खतरे का अलार्म सुनते ही तुरंत अपने घरों के अंदर सभी लाइट ऑफ कर दें। इसके अलावा पंखे और सभी इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बंद कर दें। खिड़की पर से हटे पर्दों को तुरंत खींच दें और घर को अंधेरा कर दें। खिड़कियों को बंद कर दें। इसमें कहा गया है कि रोशनी की एक चिंगारी भी दुश्मन को आपके ठिकाने का पता दे सकती है और उससे आप संकट में फंस सकते हैं। वीडियो में कहा गया है कि मॉक ड्रिल के वक्त इस तरह के उपाय करना संकट को बुलावा देना नहीं बल्कि संकट से निपटने की ये सटीक तैयारी है।

क्या कर सकते हैं बच्चे और किशोर

वीडियो में कहा गया है कि हमारा देश जानता है कि संकट के समय में हमें अपने लोगों को कैसे सुरक्षित बचाना है। इसलिए अपने बच्चों को बताएं कि उन्हें ऐसे समय में क्या करना है? बच्चों को पर्दे खींचना सिखाइए। किशोर ऐसे समय में दादा-दादी या नाना-नानी की मदद कर सकते हैं और उन्हें सुरक्षित जगह पहुंचा सकते हैं। घरों की लाइट्स बंद कर सकते हैं। केंद्र सरकार के इस वीडियो में कहा गया है कि पूरे परिवार को ऐसे समय में शांतचित होकर एक जगह बैठ जाना चाहिए और उन्हें तैयार रहना चाहिए।

नागरिकों, स्वयंसेवकों को क्या निर्देश

केंद्र सरकार ने कहा है कि पूरे शहर में इसी तरह की जानकारी सभी को साझा की जानी चाहिए और युवा और स्वयंसेवक घर की छतों पर जाकर यह चेक करें कि कहीं किसी घर से प्रकाश की कोई किरण बाहर तो नहीं निकल रही है। महिलाओं को घरों और आस-पड़ोस की बुजुर्ग महिलाओं को मदद करने और सीमा पर जवानों को शांत, सचेत और निगाहें चौकस रखने की सलाह दी गई है।

बताया कि ये भारत है और हर मुश्किलों से लड़ना जानता है। गांव से लेकर शहर तक सभी जगह ब्लेकआउट कर संकट से डरना नहीं बल्कि अपनों की मदद करना और देश से प्यार करना जानते हैं। वीडियो में सभी लोगों से अपील की गई है कि किसी भी सूरत में डरें नहीं, शांत रहें और दूसरों की मदद कर उन्हें अपना प्यार दें क्योंकि भारत किसी भी विपरीत परिस्थिति में एक रहना जानता है।

244 जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास और रिहर्सल

बता दें कि 7 मई को हेने वाले ‘मॉक ड्रिल’ में वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो-संचार लिंक का संचालन, नियंत्रण कक्षों और छाया नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण भी शामिल है। अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड महानिदेशालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है, ‘‘मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य में नये और जटिल खतरे/चुनौतियां उभरी हैं, इसलिए यह समझदारी होगी कि राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों में हर समय इष्टतम नागरिक सुरक्षा तैयारियां बनाए रखी जाएं।’’इसमें कहा गया है कि सरकार ने सात मई को देश के 244 जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास और रिहर्सल आयोजित करने का निर्णय लिया है।


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कृष्णा वार्ता, गदरपुर

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