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(कृष्णा वार्ता गदरपुर उत्तराखंड)

देहरादून। आयुष्मान भारत योजना के तहत गंभीर अनियमितता सामने आने के बाद राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने सख्ती दिखाते हुए हरिद्वार और रुड़की के दो निजी अस्पतालों क्वाड्रा हॉस्पिटल रुड़की और मेट्रो हॉस्पिटल हरिद्वार की संबद्धता तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी है।

दोनों अस्पतालों को पांच दिन के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान योजना के तहत नए मरीजों की भर्ती पर रोक रहेगी, जबकि पहले से भर्ती मरीजों का इलाज जारी रहेगा।

ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, क्वाड्रा हॉस्पिटल में सामान्य चिकित्सा के 1800 दावों में से 1619 मामलों में मरीजों को आईसीयू में भर्ती दिखाया गया, जबकि केवल 181 मामलों में ही उन्हें सामान्य वार्ड में रखा गया। यानी, कुल 90 प्रतिशत मामलों में आईसीयू पैकेज का इस्तेमाल किया गया, जो सामान्य श्रेणी के मरीजों के लिहाज से असामान्य रूप से अधिक है।

जांच में यह भी सामने आया कि अस्पताल में एक सुनियोजित पैटर्न के तहत अधिकतर मरीजों को पहले 3 से 6 दिन तक आईसीयू में रखा गया और छुट्टी से ठीक पहले 1 या 2 दिन के लिए सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। यह इसलिए किया गया ताकि आईसीयू पैकेज के भुगतान का औचित्य सिद्ध हो सके, क्योंकि नियमों के मुताबिक मरीज को सीधे आईसीयू से छुट्टी नहीं दी जा सकती।

कई सामान्य बीमारियों जैसे उल्टी, यूटीआई और निर्जलीकरण के मामलों में भी मरीजों को अनावश्यक रूप से गंभीर दर्शाकर आईसीयू में भर्ती दिखाया गया। खास बात यह रही कि अधिकतर मरीजों के तापमान को लगातार 102°F दिखाया गया, जो डिस्चार्ज के दिन अचानक 98°F हो जाता है।


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कृष्णा वार्ता, गदरपुर

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