
(रिपोर्टर सागर धमीजा 9837877981)
(कृष्णा वार्ता गदरपुर उत्तराखंड)
थीम..” “थिंक हेल्थ थिंक फार्मेसी ““
गदरपुर। पुरे विश्व में फार्मसिस्ट तीसरा सबसे बड़ा हेल्थ केयर प्रोफेशनल समूह हैं. भारत में लगभग पंद्रह लाख से भी ज्यादा पंजीकृत फार्मासिस्ट हैं तथा भारत में फार्मासिस्ट द्वारा एक विशेष योगदान हेल्थ केयर सिस्टम को दिया जाता हैं।
इस अवसर पर प्रा स्वा मोहनपुर के फार्मेसी ऑफिसर एवं संगठन मंत्री डीपीए उधमसिंह नगर ने बताया कि फार्मासिस्ट एक पंजीकृत लायसेंस होल्डर हेल्थ केयर प्रोफेसनल होता हैं, जो स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं. यदि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अलोक में देखा जाय तो फार्मासिस्ट के कार्यदायित्व एवं जिम्मेदारियां और भी ब्यापक तथा बहुआयामी हो जाती हैं।
अतः फार्मासिस्ट का कार्य सामान्य एवं व्यापक दोनों प्रकृति के होते हैं.. जिनका उत्तरदायित्व बहुआयामी प्रकृति का होता हैं
सामान्य कार्य..
दवा औषधि का वितरण.
दवा के तात्कालिक दुष्प्रभावों की मॉनिटरिंग.
वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन.
व्यापक कार्य,..दवा और डायटरी सप्लीमेंट्स के सही उपयोग एवं प्रभाव से संबंधित जानकारी देना.. यहां पर फार्मासिस्ट काउंसलर की भूमिका निभाता हैं.
अन्य हेल्थ केयर प्रोवाइडर के कोलेब्रेसन में जो ड्रग थेरेपी चल रही होती हैं उसके ट्रीटमेंट आउटकम की मोनेटरिंग करना भी फार्मासिस्ट के कार्यादियित्व में आता हैं.
इसके अतिरिक्त औषधि अनुसंधान. खोज तथा नयी दवा की टेस्टिंग का कार्य भी फार्मसिस्ट द्वारा सम्पादित किया जाता हैं.
प्रेस्क्रिप्सन को डिकोड करना भी इनका ही दायत्व हैं.
बेंजामिन फ्रेंकलिन, हर्बर्ट हिम्फ्रे दुनिया के मशहूर फार्मासिस्ट रहे हैं.
एलेक्सेंडर फ्लेमिंग ने 1929 में पेनिसिलिन की खोज कर चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
फार्मेसी बिधा के जनक विश्व में प्रॉक्टर विलियम को माना जाता हैं.
जिनके द्वारा 1837 में फार्मा क्षेत्र में स्नातक किया गया तथा अमेरिकन फार्माकोपिया के संकलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
भारत में फार्मसी विधा के जनक महादेव लाल श्रॉफ को मन जाता हैं.
प्रो महादेव लाल 1927 में अमेरिका से रसा0 विज्ञानं में एम् एस सी कर भारत आये थे, तथा भारत में फार्मेसी की नीव डाली थी.
1937 में इनके द्वारा BHU में तीन वर्षीय फार्मा कोर्स प्रारम्भ किया गया जो भारतीय फार्मा शिक्षा में अद्वितीय योगदान हैं.
इसी क्रम में ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 एंड रूल्स 1945 बना जिसके अनुसार औषधी निर्माण, भंडारण, आपूर्ति थोक एवं खुदरा विक्रय हेतु निति बनाई गयी
और सन 1948 में फर्मासी एक्ट के तहत 4 मार्च 1948 को फार्मेसी कौंसिल ऑफ़ इण्डिया (pci ) की स्थापना की गयी और एक पंजीकृत फार्मा की भूमिका और महत्व की व्याख्या स्पष्तः की गयी.
आज फार्मासिस्ट का मुख्य टास्क.. ड्रग रिलेटेड प्रॉब्लम आईडेंटीफाय करना, रिज़ोल्व करना एवं प्रिवेंट करना हैं..
“विश्व फार्मासिस्ट दिवस “की पुनः सभी को बधाई!!