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(कृष्णा वार्ता गदरपुर उत्तराखंड)

रुद्रपुर (संवाद-सूत्र)। उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा का दो दिवसीय कार्य बहिष्कार शुरू हो गया है। हड़ताल के कारण पहले दिन रुद्रपुर डिपो की 35 बस सेवाएं प्रभावित रहीं। इस कारण सुबह से ही यात्री बसों की तलाश में भटकते रहे। कार्य बहिष्कार से रुद्रपुर डिपो को करीब साढ़े पांच लाख तो काशीपुर डिपो को करीब आठ लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।
         बुधवार सुबह हड़ताल के चलते बसों का संचालन प्रभावित रहा। अधिकतर बसें बस अड्डे में ही खड़ी रहीं। लोगों ने यात्रा के लिए यूपी और अन्य राज्यों की बसों के साथ ही निजी बसों का सहारा लिया। रुद्रपुर से दिल्ली जा रहीं सुमन बच्चों के साथ बस अड्डे के बाहर वाहन के इंतजार में खड़ी रहीं। लखनऊ जा रहे प्रेम कुमार ने बताया कि सुबह आठ बजे पकड़ने के लिए बस अड्डे पहुंच गए थे। हड़ताल का पता नहीं था। यात्रा स्थगित करनी पड़ रही है। प्रेमवती ने को बस नहीं मिलने के कारण अयोध्या की यात्रा बंद करनी पड़ी। बरेली जा रही सुरेखा ने बताया कि कई घंटे से बच्चों के साथ बस अड्डे पर बैठे हैं। किसी वाहन की तलाश कर रही हैं।
यूपी की बसों ने दी राहत
           काशीपुर में बहिष्कार के चलते डिपो से उत्तराखंड डिपो की बसों का संचालन बंद था। इसी बीच कई यात्री बसों से गंतव्य को जाने के लिए बस स्टैंड पर इंतजार करते नजर आए। 60 वर्षीय शारदा देवी कालागढ़ जाने के लिए आधा घंटा बस का इंतजार करती रहीं। सत्यप्रकाश पाठक भी हल्द्वानी जाने के लिए काफी देर बस की प्रतीक्षा करने नजर आए। यूपी की बसों की आवाजाही से लोगों को कुछ हद तक राहत मिली। कई यात्रियों को अतिरिक्त किराया चुकाकर टैक्सी, ट्रेन, यूपी की रोडवेज बसें और निजी वाहनों से यात्रा की।
कर्मचारियों ने दिया धरना, एजीएम का किया घेराव
         रुद्रपुर में उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा से जुड़े उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी यूनियन, रोडवेज इंप्लॉइज यूनियन, उत्तराखंड परिवहन निगम एससीएसटी श्रमिक संघ के पदाधिकारी और सदस्यों ने बस अड्डा परिसर में धरना दिया। रोडवेज कर्मियों ने सहायक महाप्रबंधक केएस राणा के कार्यालय पहुंचकर उन पर कर्मचारियों को धमकाने का आरोप लगाते हुए घेराव कर खूब खरीखोटी सुनाई। इस दौरान एजीएम और कर्मचारी नेताओं के बीच तीखी बहस हुई। उत्तराखंड परिवहन निगम एससीएसटी श्रमिक संघ के प्रदेश महामंत्री श्रीनिवास ने कहा कि बृहस्पतिवार को भी कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। धरने पर विनोद कुमार, विमल कुमार, मनिंदर सिंह, मनदीप सिंह, गोपेश्वर नाथ श्रीवास्तव, अनिल ठाकुर, कृष्ण गोपाल, सुनील भटनागर आदि बैठे।
अनुबंधित बसे नहीं निकल सकीं बाहर
काशीपुर में रोडवेज कर्मचारी यूनियन और रोडवेज इंप्लाइज यूनियन, एससीध्एसटी कर्मचारी संघ से जुड़े रोडवेज कर्मियों ने बुधवार को कार्य बहिष्कार किया। उन्होंने छह सूत्रीय मांगों को लेकर बस स्टैंड पर ही कार्य बंद करके धरना दिया, जिससे डिपो से रोडवेज और अनुबंधित बसें बाहर नहीं निकल सकीं। वहां संयुक्त मोर्चे के संयोजक पंकज भटनागर, रघुवीर सिंह, संदीप कुमार, मुकुल शर्मा, अजय कुमार, गुरजंट सिंह, छत्रपाल सिंह, दीपक जोशी आदि थे।

यह बस सेवाएं रही प्रभावित
रुद्रपुर में डिपो के परिचालन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हड़ताल के कारण दिल्ली की पांच, हरिद्वार की आठ, अयोध्या, पूरनपुर, पीलीभीत, आगरा की एक-एक, काशीपुर की 12, टनकपुर की छह बस सेवाएं प्रभावित रहीं। दिल्ली के लिए छह, हरिद्वार और बरेली के लिए दो-दो, लखनऊ के लिए एक बस सेवा का संचालन हुआ। जो बस सेवाएं संचालित हुई, वह उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की थी।
यह हैं मांगें
-दस वर्ष से अधिक समय से कार्यरत विशेष श्रेणी और संविदा चालक, परिचालकों को नियमित किया जाए
-निजी बसों को राजमार्गों पर परमिट देने की अधिसूचना रद्द की जाए
-परिवहन निगम के बस बेड़े के लिए 500 नई बसों की खरीद की जाए
-दिल्ली के कश्मीरी गेट और आनंद बिहार से अवैध बसों का उत्तराखंड में संचालन बंद किया जाए
-नैनीताल का बस अड्डा परिवहन निगम को वापस किया जाए
-राज्य के विभिन्न शहरों से डग्गामार वाहनों का संचालन बंद किया जाए
हड़ताल में संयुक्त परिषद शामिल नहीं
रोडवेज कर्मियों के दो दिवसीय कार्य बहिष्कार से रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद विरत रहा। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद (कार्यशाला) के शाखाध्यक्ष राकेश सिंह गुसाईं ने बताया कि रोडवेज कर्मियों के नियमितीकरण के लिए मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है। सरकार के आश्वासन पर संगठन हड़ताल में शामिल नहीं रहा। परिषद से जुड़े कर्मियों ने बुधवार को सुचारु ढंग से कार्य किया।
50 फीसदी बसों का संचालन प्रभावित
रुद्रपुर डिपो के सहायक महाप्रबंधक केएस राणा ने बताया कि हड़ताल के कारण बस सेवाओं का संचालन 50 प्रतिशत बाधित हुआ है। बुधवार को काफी यात्री यात्रा के लिए पहुंचे थे। बसों का संचालन न होने से डिपो को करीब साढ़े पांच लाख रुपये का नुकसान हुआ है। काशीपुर डिपो के वरिष्ठ प्रबंधक हरेंद्र नितवाल के अनुसार बहिष्कार से डिपो को करीब सात से आठ लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।


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कृष्णा वार्ता, गदरपुर

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