(कृष्णा वार्ता गदरपुर उत्तराखंड)
रुद्रपुर (संवाद-सूत्र)। बसों में आग लगने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से बसों में एक नई व्यवस्था की गई है। बसों में फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम (एफडीएसएस) और फायर प्रोटेक्शन सिस्टम (एफपीएस) सिस्टम लगाया जाएगा।
बसों में आग लगने से लोगों की जान जाने की खबरें अक्सर आती हैं। इन घटनाओं पर रोक लगाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से बसों में एक नई व्यवस्था की गई है। बसों में फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम (एफडीएसएस) और फायर प्रोटेक्शन सिस्टम (एफपीएस) सिस्टम लगाया जाएगा। यह सुविधा स्कूली और डीलक्स बसों में इसी वर्ष से शुरू की गई है। यह प्रणाली 30 सेकंड से भी कम समय में आग का पता लगाकर एक मिनट के भीतर उसे बुझा सकती है।
सिस्टम ऐसे करेगा काम
जिन बसों में एफडीएसएस और एफपीएस सिस्टम लगे होंगे उनमें दो टैंक होंगे। एक में कार्बन डाई ऑक्साइड और दूसरे में पानी होगा। इंजन के चारों ओर गैस के नोजल पाइप लगे होंगे। धुआं उठते ही सेंसर आग को डिटेक्ट कर लेंगे और प्रेशर से कार्बन डाई ऑक्साइड गैस निकलने लगेगी। इससे आग पर आसानी से काबू पाया जा सकेगा।
बस में चालक की सीट के पास अलार्म सिस्टम लगा होगा। धुआं उठते ही ड्राइवर के अलार्म बजाने पर पानी के टैंक से यात्री सीटों के ऊपर लगे पाइप से पानी गिरने लगेगा। इससे आग भी काबू में आएगी और सवारियों को बसों से निकलने का समय भी मिल जाएगा।
हरिद्वार में हो चुकी है कार्यशाला
बसों एवं ट्रकों को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए हरिद्वार में दो दिनी कार्यशाला लगाई गई थी। इसमें सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट पुणे के विशेषज्ञों ने प्रदेश के 35 आरटीओ, एआरटीओ और संभागीय निरीक्षकों को ट्रेनिंग दी। इस दौरान बस और ट्रक की बनावट कैसी होनी चाहिए, बस में सीट के बीच में कितना फासला होना चाहिए, बस की सही लंबाई एवं चैड़ाई के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही एफडीएसएस और एफपीएस के बारे में भी बताया गया।
नई बसों में ये चीजें होंगी शामिल
स्कूली बसों में कुछ अन्य चीजें अनिवार्य की गईं हैं। इसमें स्कूली बस रुकने पर गेट खुलते ही साइड से एक स्टॉप का साइन बोर्ड निकलकर बाहर की ओर आएगा ताकि पीछे से आ रहे वाहन रुक जाएं। इसके बाद बच्चों के उतरने के लिए अंदर से सीढ़ियां निकलेंगी। तभी बच्चों को उतरना होगा। वहीं यात्री बसों में सीटों पर हेड रेस्ट के लिए कुशन या पीवीसी पाइप लगाने होंगे। लोहे की पाइप नहीं लगा सकेंगे ताकि बस के टकराने पर व्यक्ति के सिर में चोट न लगे।
स्कूल और टाइप सी बसों के लिए एफडीएसएस और एफपीएस की व्यवस्था अनिवार्य होगी। इन मानकों को पूरा करने वाली बसों का ही रजिस्ट्रेशन हो सकेगाः- विमल पांडे, एआरटीओ, काशीपुर