
(रिपोर्ट सागर धमीजा 9837877981)
(कृष्णा वार्ता गदरपुर उत्तराखंड)

किच्छा। 14 नवंबर 2024 ग्राम अजीतपुर में द हंस फाउंडेशन की टीम World First Aid Day की उपलक्ष्य पर शिविर में आए हुए व्यक्तियों को बताया गया कि बहुत बार व्यक्ति ऐसी स्थिति में होता है, जब उसकी तबियत बिगड़ जाती है और डॉक्टर के पास जाने या उनके आना जल्दी मुमकिन नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति में प्राथमिक उपचार की मदद से व्यक्ति की हालत में सुधार करने की कोशिश की जाती है। बहुत सी स्थितियां इतनी गंभीर होती हैं, वह गंभीर रूप से चोटिल हो जाते हैं और उस दौरान व्यक्ति का काफी खून बह जाता है। ऐसे में अगर व्यक्ति को अगर प्राथमिक उपचार या फर्स्ट एड दिया जाता है, तो इसकी मदद से गंभीर नुकसान से बचा जा सकता है। प्राथमिक उपचार के बारे में लोगों को पता होना बहुत जरूरी है। लेकिन लोगों के बीच जागरूकता की कमी होने की वजह से लोग इसका लाभ नहीं ले पाते हैं। ऐसे में लोगों को प्राथमिक उपचार के बारे में जरूरी जानकारी प्रदान करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 14 सितंबर को विश्व प्राथमिक उपचार दिवस या वर्ल्ड फर्स्ट एड डे मनाया जाता है।

प्राथमिक उपचार क्या होता है –
प्राथमिक उपचार या फर्स्ट एड एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से किसी भी तरह की मेडिकल कंडीशन या चोटिल होने पर व्यक्ति को तुरंत मेडिकल सहायता प्रदान की जा सकती है। उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति का एक्सिडेंट हो जाता है और वह गंभीर रूप से चोटिल है, तो प्राथमिक उपचार के तौर पर उसे घाव को साफ करके मरहम और पट्टी आदि लगाई जा सकती है। इससे अधिक खून बहने से रोकने और डॉक्टर की सहायता मिलने तक स्थिति को कंट्रोल में रखा जा सकता है।
वहीं, दूसरे उदाहरण की बात करें तो अगर किसी व्यक्ति को अचानक हार्ट अटैक आ जाता है, तो उन्हें प्राथमिक उपचार के तौर पर सीपीआर दिया जाता है, जिससे कि उनकी दिल की धड़कन को फिर से शुरू किया जा सके। उसके बाद व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई जा सकती है। इसके अलावा, छोटी-मोटी चोट, मरहम पट्टी, इन्फेक्शन, जलने आदि जैसी स्थितियों में प्राथमिक उपचार की मदद से गंभीर नुकसान से बचा जा सकता है।
प्राथमिक उपचार का महत्व –
लोगों को स्वस्थ रखने और जान-माल के जोखिम को कम करने में प्राथमिक उपचार बहुत अहम भूमिका निभाता है। बहुत सी ऐसी स्थितियां होती हैं जिनमें व्यक्ति का तुरंत अस्पताल या डॉक्टर के पास पहुंच पाना मुमकिन नहीं होता है। ऐसे में प्राथमिक उपचार की मदद से लोगों की जान बचाई जा सकती है। क्योंकि अगर रोगी को उसके हाल पर छोड़ दिया जाता है और लंबे समय तक उसे कोई उपचार नहीं मिल पाता है, तो इससे व्यक्ति की मौत हो सकती है। ऐसे में लोगों के बीच प्राथमिक उपचार को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है।
प्राथमिक चिकित्सा के 5 सिद्धांत क्या हैं?
1- फर्स्ट एड बॉक्स हल्का होना चाहिए |
2- साफ कपड़े की पट्टी होना चाहिए |
3 – कैची सेफ्टी पिन होना चाहिए
4- रोगाणु रहित लिक्विड |
क्रेप बैंडेज होना चाहिए ।
5 – कुछ सामान्य दवाइयां होना चाहिए। डेटॉल भी होना चाहिए जिससे हाथ धोना पड़ता है ।
इस टीम में डॉ अभांशु शुक्ला, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी जे. जे. कुमार, लैब टेक्नीशियन नेहा अधिकारी, फार्मासिस्ट अनीशा, इत्यादि लोग मौजूद थे।

