रिपोर्टर सागर धमीजा कृष्णा वार्ता उत्तराखंड
गदरपुर विद्यालयों में ट्रांसपोर्ट के नाम पर ऐसे वाहन संचालित किए जा रहे है जिनमें कई खामिया हैं। इसकी शिकायत पर एआरटीओ नितिन शर्मा के नेतृत्व में टीएम ने स्कूली वाहनों की चेकिंग की। एआरटीओ के पहुंचने की खबर मिलते ही निजी विद्यालयों के संचालको तक पहुँच गई जिससे सभी विद्यालयों में हड़कम्प मच गया। एआरटीओ नितिन शर्मा ने बताया कि वाहनों की फिटनेस, रजिस्ट्रेशन, बीमा आदि को लेकर जांच की जा रही है और लगभग तीन से चार वाहनों में बड़ी कमी पाई गई है जिन पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही की गई। निजी विद्यालय के प्रबंधक द्वारा अधिकारियों से बहस भी हुई जिसका कोई असर अधिकारी पर नही हुआ विद्यालय की छुट्टी के समय बच्चों को लेने आये अभिवावक भी दबी आवाज में बोलते हुए नजर आए कि विद्यालय ओर ट्रांसपोर्ट के नाम पर मोटी वसूली की जाती है
फीस ली जाती है लेकिन सुविधा शून्य नजर आती है। अभिवावकों का कहना है विद्यालय की सड़क का भी इतना बुरा हाल है कि कई बार टुकटुक के पलटने से बच्चों को चोट लगी है। वही वाहन स्वामियों का कहना है कि टुकटुक वाले क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर चलते है उनपर एआरटीओ की कोई कार्यवाही नहीं होती। जबकि टुक टुक वालों के पास कोई भी लीगल पेपर नहीं है टुकटुक से अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा स्कूल या परिवहन विभाग अब देखना यह होगा कि निजी विद्यालयों के संचालक आखिर कब बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए क्या उचित कदम उठाएंगे।
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कृष्णा वार्ता, गदरपुर