

– मैनेजर दीपक राणा ने लगाई जमकर लगाई फटकार, जल्द सुचारू होगी गैस व्यवस्था- कुमाऊं मंडल विकास निगम ने भी लिया संज्ञान
उत्तराखंड गदरपुर। ट्रांसपोर्टरों की मनमानी के चलते इंडियन गैस की आपूर्ति बाधित हो गई। आपूर्ति के ना होने से गैस उपभोक्ताओं में भारी रोष देखने को मिला। गैस की आपूर्ति बाधित होने की सूचना कुमाऊँ मंडल विकास निगम के अलावा इंडियन ऑयल के अधिकारियों को भी दी गई। सूचना मिलने पर आईओसी के सेल्स मैनेजर दीपक राणा ने ट्रांसपोर्टर को कड़ी फटकार लगाते हुए गैस आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि गैस प्लांट से ट्रक के जरिए एजेंसी तक गैस का ढुलान करने वाले ट्रांसपोर्टर और गैस सिलेंडर को ट्रक से उतारकर गोदाम में रखने वाली लेबर में किराए (डाले) को लेकर नोक झोक हो गई। आपको बताते चलें कि पिछले कुछ सालों से ट्रांसपोर्टर प्रत्येक गाड़ी को खाली करने के एवरेज में लेबर को ₹600 प्रति गाड़ी के हिसाब से भुगतान करते थे लेकिन लेबर का कहना है कि महंगाई के दौर में ₹600 नाकाफी हैं। लेबर का आरोप है कि दूसरी एजेंसियों पर ट्रांसपोर्टर प्रत्येक गाड़ी को खाली करने के एवज में ₹800 का लेबर को भुगतान करते हैं जबकि गदरपुर गैस सर्विस में पिछले काफी सालों से ₹600 देते आ रहे हैं। लेबर का कहना है कि भीषण गर्मी में ₹600 में गाड़ी उतारना संभव नहीं है इसी बात को लेकर जब ड्राइवर ने ट्रांसपोर्टर के समक्ष मजदूरो की बात को रखा तो ट्रांसपोर्टर अड़ गया और उसने 800 रु देने से मना कर दिया। तो वही मजदूरों ने भी ₹600 में गाड़ी को उतरने से इनकार कर दिया। ट्रांसपोर्टर और मजदूरों की इस आपसी लड़ाई के कारण गैस की आपूर्ति बाधित हो गई। गैस की सप्लाई न होने से गैस उपभोक्ताओं में रोष उत्पन्न हो गया। उपभोक्ताओं की भारी नाराजगी को देखते हुए गैस एजेंसी प्रबंधन ने इसकी सूचना कुमाऊँ मंडल विकास निगम के अधिकारियों को देने के साथ ही इंडियन ऑयल के अधिकारियों को दी। ट्रांसपोर्टरों के इस रवैये को देखकर आईओसी के सेल्स ऑफिसर दीपक राणा भड़क गए और उन्होंने उन्हें कड़ी फटकार लगाते हुए गैस की सप्लाई को शीघ्र सुचारु करने के निर्देश दिए। इसके अलावा कुमाऊँ मंडल विकास निगम के अधिकारियों ने भी ट्रांसपोर्टर से वार्ता कर मामले को शीघ्र सुलझाने की बात कही।

