हल्द्वानी (संवाद सूत्र)। कुमाऊं में रहने वाले दिल के मरीजों के लिए राहत की खबर है। सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में लंबे समय से प्रस्तावित कैथ लैब के निर्माण की आस पूरी होने जा रही है। उम्मीद है कि दिसंबर माह में कैथ लैब का निर्माण शुरू हो सकता है। इस लैब के बनने से हृदय रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी।
सुशीला तिवारी अस्पताल कुमाऊं का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है जिसमें कुमाऊं के अलावा उत्तर प्रदेश से भी बड़ी तादाद में मरीज इलाज को पहुंचते हैं। वर्ष 2010 से पहले एसटीएच उत्तराखंड फॉरेस्ट हॉस्पिटल ट्रस्ट के अधीन था। फिर इसका राजकीयकरण हुआ।
करीब 150 बेड से शुरू हुआ अस्पताल आज 750 बेड का हो गया है, यहां हृदय रोगियों के इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं है। वर्ष 2007 में यहां डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दीप पंत तैनात रहे। वह रोजाना 100 से 150 हृदय रोगियों का इलाज करते थे लेकिन कैथ लैब न होने से रोगियों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी नहीं हो पाती थी। सुविधाओं के अभाव में डॉ. पंत ने वर्ष 2008 में त्यागपत्र दे दिया।
इसके बाद अस्पताल में कैथ लैब बनाने की योजना तैयार की गई। शासन से कई बार पत्राचार हुआ। 14 वर्ष बाद वर्ष 2022 में भारत इलेक्ट्रिानिक्स लिमिटेड (बीईएल) सीएसआर फंड के माध्यम से कैथ लैब विकसित करने को तैयार हुआ। इस वर्ष 22 जुलाई को बीईएल के साथ एमओयू होने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने शासन को कैथ लैब की डीपीआर भेजी थी, जो स्वीकृत हो गई है। अब जल्द ही बजट रिलीज होने की संभावना है। दिसंबर माह की शुरुआत में शासनादेश आने की उम्मीद है। इसके बाद निर्माण शुरू हो जाएगा।
मंडी परिषद करेगा कैथ लैब का ढांचा तैयार
उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड एसटीएच में कैथ लैब का ढांचा तैयार करेगा। इसमें करीब 2 करोड़ 39 लाख की लागत आयेगी। जिसे तैयार होने में लगभग 3 से 4 माह का समय लगेगा। मार्च या अप्रैल माह तक ढांचा तैयार होने के बाद बीईएल कैथ लैब में उपकरण स्थापित करेगा।
उपकरणों पर 11 करोड़ से अधिक होंगे खर्च
कैथ का ढांचा तैयार होने के बाद भारत इलेक्ट्रिानिक्स लिमिटेड (बीईएल) सीएसआर फंड के माध्यम से एसटीएच में कैथ लैब विकसित करेगा। इसमें मशीनें और कई आधुनिक उपकरण लगेंगे, जिसमें करीब 11 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। सभी उपकरण जैम से खरीदे जायेंगे। बीईएल ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।